रिसर्च
विषय: (Quality of Education) शिक्षण गुणवत्ता
हम आगाज़ के साथियों ने साल
२००९ से २०१० तक (Quality of Education) शिक्षण
गुणवत्ता पर एक साल का पुकार की सहएता से सहभागी रिसर्च किया। जिस में हम ने अपने इलाके के कुछ
स्कूलों की व्यवस्था के बारे में जाना। हमें पता चला की बच्चो को स्कूल में जो परेशानी होती है वो क्यों होती है। यह जानकारी हासिल करने के लिए हमने इन्तर्विव किया टीचर्स के साथ, पालक के साथ और प्रिंसिपल के साथ भी। इस से हमें फिर भी पूरी जानकारी हासिल नहीं हो पा रही थी इस लिए हमने बच्चे, पालक और टीचर्स के साथ एक कमुनिटी इवेंट किया।
इस कमुनिटी इवेंट में हमने बच्चो की वकृत्व स्पर्धा राखी उस
वकृत्व स्पर्धा से हमें बच्चो की मन की बात मालूम हुई कुछ बच्चो ने कहा की स्कूल की टीचर्स उन्हें सही से नहीं पढ़ा पाती है कुछ ने कहा की स्कूल में जगह कम होती है और बच्चे ज्यादा होते है.
फिर हमने सब के सामने एक सवाल किया हमने उनसे पुछा की "एक बच्चे के फ़ैल होने पर उसके पीछे जिमेदार
कौन"।

इस सवाल से हमें उनसे यह पूरी जानकारी हासिल होई के बच्चे सही से पढ़ नहीं पाते क्युकी उनके पालक उनपर धियान नहीं दे पाते यह टीचर्स का कहना था । पालक का कहना था की टीचर्स उन्हें सही से नहीं पढ़ा पाती है। बच्चो का कहना था की दोनों हम पर धियान नहीं देते। और उनका कहना है की वह सब टीचर्स सिर्फ चालाक या तो कहे इस्कोलर बच्चो पर ही धियान देते है।
इन सारी बातो से हमें और उन्हें यह पता की बच्चे अगर फ़ैल होते है तो उसके पीछे जिमेदार कौन कौन है " ५० प्रतिशत जिमेदार पालक होते है, २५ प्रतिशत
खुद बच्चे जिमेदार होते है और २५ प्रतिशत बच्चे का ग्रुप सर्कल जिमेदार होता है"।
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